मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को अब राजपत्रित अधिकारी किया गया घोषित,सीएम भूपेश बघेल का बड़ा फैसला सरकारी डाॅक्टर सिर्फ लिखेंगे जेनेरिक दवा…

रायपुर। राज्य सरकार ने नगरीय निकायों की जमीनों को फ्री-होल्ड करने का फैसला किया है। इससे सरकार को एकमुश्त बड़ी राशि मिल जाएगी और लोगों को निकायों से संपत्ति लीज पर नहीं बल्कि मालिकाना हक पर मिलेगी। नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने लेआउट पास करने का अधिकार नगर निगमों को देने के निर्देश दिए हैं। अब तक प्लाट के लेआउट के लिए निगम और टाउन प्लानिंग के चक्कर लगाने पड़ते थे। यही नहीं, सीएम ने साफ कर दिया कि सरकारी डाॅक्टर अब जेनेरिक दवाइयां ही लिखेंगे, ब्रांडेड बिलकुल नहीं। इससे बड़ी संख्या में लोगों के लिए सस्ती दवा खरीदने का रास्ता साफ हो जाएगा।
सीएम भूपेश ने नगरीय प्रशासन और आवास पर्यावरण विभागों की बैठक में सोमवार को अफसरों को निर्देश दिए कि सरकारी डॉक्टरों ने अगर ब्रांडेड दवा लिखी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने तत्काल कलेक्टरों और सीएमएचओ को निर्देश जारी किया।

डाक्टरों का जेनेरिक दवाइयां लिखना सुनिश्चित किया जाए। दरअसल सीएम को यह जानकारी मिली थी कि बार-बार हिदायत के बावजूद डॉक्टर जेनेरिक की बजाय ब्रांडेड दवाइयां ही लिख रहे हैं। सोमवार को नगरीय प्रशासन विभाग की मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की। इसमें मंत्री शिव कुमार डहरिया, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी आदि शामिल थे

तीनों फैसलों के हम पर असर और फायदे

जेनेरिक दवा से बचे 6 माह में लोगों के 17 करोड़ रुपए

प्रदेश में बड़ा वर्ग सरकारी अस्पतालों में जाता है। उन्हें सस्ती दवा मिलेगी और इलाज का खर्च भी कम हाेगा। शासन ने प्रदेशभर में 159 धन्वंतरि स्टोर खोल रखे हैं। यहां जेनेरिक दवाइयां 70 फीसदी तक छूट पर मिलती हैं।
अफसरों का अनुमान है कि करीब 18 लाख लोगों ने पिछले 6 महीने में धन्वंतरि स्टोर से जेनेरिक दवा ली है।
जेनेरिक दवा से आम लोगों के 17 करोड़ रु. से ज्यादा बचने का आंकलन हैं। इसलिए जेनेरिक पर फोकस।
लीज रेंट हर साल देने का झंझट खत्म

लीजधारियों और किराएदारों को मालिकाना हक।
नगरीय निकायों को एकमुश्त बड़ी रकम मिलेगी।
काबिज जमीन या दुकान पर मालिकाना हक।
अब हर साल रेंट भरने की झंझट से मुक्ति मिलेगी।
बेचते वक्त एनओसी की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
अब दो विभागों में नहीं फंसेंगे नक्शे
जनता की भाग-दौड़ दो दफ्तरों तक नहीं होगी।
अभी टाउन प्लानिंग में आवेदन, अनुमति निगम से।
महीनों-बरसों तक की पेंडेंसी खत्म हो सकेगी।
उम्मीद है कि यह काम 30 दिन के भीतर हो जाएगा।
महीनेभर में काम होने की संभावना। बैठक के दौरान नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने नगरीय निकाय अधिकारियों को एक और अधिकार देने का फैसला किया है। मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को अब राजपत्रित अधिकारी घोषित कर दिया गया है।

Report Raipur Bureau-Joy Fernandes.

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