रायपुर। राजधानी के कापा क्षेत्र में संचालित होलीक्रॉस स्कूल में पालकों को कोरोना काल से फ़ीस कम करने का आश्वासन देकर स्कूल प्रबंधन अब मुकर गया है, जिससे परेशान पालकों ने आज स्कूल परिसर में प्रदर्शन किया। पालकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन फीस जमा किये बिना बच्चों का रिजल्ट दिखने से इनका कर रहा है, वहीं फ़ीस काम करने की बजाय उलटे 25% की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। वहीं शिक्षा विभाग ने भी इस मामले में कुछ कर पाने में असमर्थता जता दी है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने फ़ीस को लेकर विधेयक तो पारित कर दिया है, मगर फीस को लेकर पालकों की समस्याएं अब भी कम नहीं हुई हैं। दरअसल राजधानी ही नहीं प्रदेश के अनेक शहरों में कोरोना काल से फीस को लेकर काफी प्रदर्शन हुए, इस बीच परिस्थितियां कुछ सामान्य हुई तो फ़ीस को लेकर शिकायतें कम होनें लगीं, मगर राजधानी रायपुर में चंद स्कूल ऐसे हैं जहां फीस को लेकर पालक अब भी परेशान हैं। इन्हीं में शामिल कापा के होलीक्रॉस स्कूल में पालक पिछले 18 महीने से स्कूल के चक्कर काट रहे हैं, मगर प्रबंधन ने अब तक कोई भी पहल नहीं की है।
कोरोना प्रभावितों पर भी दिल नहीं पसीजा
पालकों के संगठन छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ फ़ीस के मुद्दे को लेकर होलीक्रॉस स्कूल प्रबंधन से मांग करता आ रहा है। इस बीच प्राचार्य जोसफ लकड़ा ने उन्हें फीस कम करने का आश्वासन दिया मगर अब वे इससे मुकर गए हैं, हालात ये हैं कि प्रबंधन फीस जमा किये बगैर बच्चों के रिजल्ट नहीं दिखा रहा है। इससे फीस कम होने का इंतजार कर रहे पालक परेशान हो गए हैं। पालक संघ के अध्यक्ष धीरज दूबे ने बताया कि कोरोना की बीमारी के चलते कुछ बच्चों के माता-पिता या फिर किसी के पिता की मौत हो गई है। ऐसे बच्चों को भी होलीक्रॉस प्रबंधन द्वारा फ़ीस में छूट नहीं दी जा रही है।
फीस में भरी-भरकम वृद्धि
होलीक्रॉस स्कूल के पालक इधर पुराने फ़ीस में कटौती की प्रतीक्षा कर रहे थे और उधर स्कूल प्रबंधन ने फ़ीस में 25% की बढ़ोत्तरी कर दी है। अमूमन स्कूल फ़ीस अगर जरुरी हुआ तो उसमे 8 से 10% की बढ़ोत्तरी की जा सकती है, मगर एक चौथाई फ़ीस के बढ़ाने से यहाँ के पालक परेशान हो गए हैं। प्रबंधन ने साफ़ कह दिया है कि फीस काम नहीं होगी भले ही अपने बच्चों की टीसी निकलवा लें, हालांकि टीसी भी बिना फ़ीस जमा किये नहीं दी जा रही है।
अल्पसंख्यक संस्था को मिली छूट का उठा रहे हैं फायदा
होलीक्रॉस स्कूल में 25% फीस को लेकर शिक्षा विभाग के सहायक संचालक सत्यदेव वर्मा का कहना है कि अल्पसंख्यक संस्थाओं द्वारा संचालित स्कूल फ़ीस के मामले में उनके दायरे में नहीं आते। दरअसल छत्तीसगढ़ में फीस को लेकर जो कानून बना है, अल्पसंख्यक स्कूलों को उसके दायरे से बाहर रखा गया है। सत्यदेव वर्मा ने कहा कि इस मामले में जिले के कलेक्टर ही कुछ कर सकते है, वैसे फ़ीस में इतनी बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकती। फीस विनियामक कानून के तहत 8 से 10% बढ़ोत्तरी का ही प्रावधान है।
कलेक्टर ने मामले को लिया संज्ञान में
होलीक्रॉस स्कूल कापा में फ़ीस को लेकर पालकों के प्रदर्शन के संबंध में चर्चा करने पर रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने भी बताया अल्पसंख्यक स्कूल फीस अधिनियम के दायरे में नहीं आते, मगर 25% फीस बढ़ाये जाने की जानकारी देने पर उन्होंने इस मामले को देखने की बात कही है। वहीं कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के बारे में भी उन्होंने पहल करने को कहा है।
Report Raipur Bureau-Joy Fernandes.