.News Edition 24; कृषि विभाग में बीज खरीदी का एक बड़ा फर्जीवाड़ा विधानसभा में फूटा है। इसमें डिबार की हुई कंपनी को अफसरों ने 2 करोड़ 61 लाख रुपए का भुगतान किया है। वहीं उससे नए बीज भी खरीद लिए हैं। अब विधानसभा की एक समिति इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच करेगी। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की सहमति के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इसकी घोषणा की है।
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने यह मामला उठाया। उनके सवाल पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, गुणवत्ता हीन हाइब्रिड बीज आपूर्ति के मामले में इसी सदन में उन्होंने त्रिमूर्ति प्लांट साइंस कंपनी को प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। इसमें उसका भुगतान भी रोकना था और उसके बीजों को राजसात भी करना था। ऐसा हुआ भी। बाद में इसको डिबार सूची से हटा दिया गया और 2 करोड़ 61 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। यह गलत हुआ है। हम लोगों की जानकारी में बात आई तो इसे फिर से डिबार सूची में डाल दिया गया।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के यह स्वीकार कर लेने के बाद भाजपा विधायक हमलावर हो गए। उनका कहना था, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत निलंबित करना चाहिए। मामले में विधानसभा की समिति से जांच कराई जानी चाहिए। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, जिस कंपनी को डिबार किया गया, उसे भुगतान नहीं होना चाहिए था। यह बात वे स्वीकार कर रहे हैं। इसमें जांच की स्थिति है। वे उच्च स्तरीय जांच कराएंगे। भाजपा विधायक अधिकारी को निलंबित करने की मांग करने लगे। उसके बाद कृषि मंत्री ने कहा, वे विधानसभा की समिति से मामले की जांच को तैयार हैं। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने जांच की घोषणा की है।
Report Raipur Bureau-Joy Fernandes.