आंदोलन की अनुमति देना और दूसरी ओर पुलिस से कार्यवाही करवाना विधायक का आदिवासियों के साथ मानसिक शोषण है- महेश गागड़ा

बीजापुर – जिले में लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में आदिवासी आंदोलन की आग लगी है इस बीच पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थानीय विधायक और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है।

प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा है जिले में जिस तरह से आंदोलन का बयार चल पड़ा है इसमे विधायक और प्रशासन की लापरवाही है। विधायक और प्रशासन कभी नही चाहते हैं कि आंदोलन खत्म हो,आंदोलन को जीवित रख राजनीति करना चाहते हैं विधायक विक्रम मंडावी। स्थानीय आदिवासियों के बीच दो धारी तलवार बने हैं विधायक, जब आदिवासी अनुमति के लिए विधायक के पास आते हैं तब अनुमति देने की बात प्रशासन से करता है और दूसरी ओर आंदोलनकारियों को सड़क पर न आने देने की हिदायत प्रशासन को देता है,वहीं पुलिस आन्दोलनकारियों पर कार्यवाही करती है ऐसे में स्थानीय आदिवासी बीच मे पीस रहे हैं।
गंगालूर क्षेत्र के बुरजी गांव में आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलियां चलाई है रॉकेट लांचर दागे हैं कुछ तस्वीरें भी प्राप्त हुई है,ऐसी स्तिथि क्यों निर्मित कर रहे हैं इन तमाम कृत्य के जिम्मेदार विधायक विक्रम मंडावी और जिला प्रशासन जिम्मेदार है,जल्द आदिवासी ग्रामीणों की बात सुनकर उनकी मांगों को पूर्ण किया जाना चाहिए।
आदिवासियों का मानसिक शोषण करना विधायक बंद करें और समाधान पर कार्य करें जिस तरह से दो धारी राह पर हैं विधायक यह बहुत घातक है आदिवासियों का सम्मान करें मांग जल्द निराकरण हो।

गरीब मजदूर का पैसा मुख्यमंत्री के नाम पर हो रहा है गबन – महेश गागड़ा

जिले में अलग-अलग विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने विधायक और प्रशासन को घेरा एवं कई गंभीर आरोप लगाये।

डीएमएफ मद डकार मद बनकर रह गया – गागड़ा

प्रेस वार्ता में पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने डीएमएफ मद में हुई वितीय अनियमितता को लेकर नाराजगी व्यक्त की और डीएमएफ मद को डकार मद बताया इस समय यह मद विधायक और प्रशासन के लिए महज डकार मद बनकर रह गया है।

स्वास्थ्य अधिकारी ठेकेदार व अटैचमेंट अधिकारी बन पैसा उगाही में मस्त

स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिला अस्पताल पूरे देश मे अलग पहचान बनाया हुआ था आज प्रशासन की निष्क्रियता के चलते रेफर सेंटर बनकर रह गया है। गांवों में मलेरिया की दवा आयरन की टेबलेट तक नही मिल रही है इन पर स्वास्थ्य अधिकारियों का कोई ध्यान नही है।स्वास्थ्य अधिकारी अपना मूल कार्य छोड़कर ठेकेदार बन गए हैं,साथ ही अटैचमेंट अधिकारी बनकर पैसा उगाही में मस्त हैं क्षेत्र की जनता की और अपने कर्त्तव्य की कोई चिंता नही है।
वहीं तालाबों पर हो रही भ्रष्टाचार पर श्री गागड़ा ने कहा भैरमगढ़ विकासखंड के बेचापाल में 2 तालाब स्वीकृत हुआ था यह सिर्फ कागज पर पूर्ण हुआ है धरातल पर कोई कार्य नही बावजूद पूरे पैसे आहरण किया गया है इस पर ग्राम सचिव और अधिकारी के पास आधिकारिक जवाब नही है। अधिकारी कहते हैं ऊपर से दबाव है पैसे के लिए इसलिए आहरण करके डिमांड के अनुसार मुख्यमंत्री निवास को भेजे जाने की बात कही गई है इस प्रकार से गरीब मजदूरों का पैसा मुख्यमंत्री के नाम पर गबन हो रहा है इस विषय पर कितनी सच्चाई है मुख्यमंत्री को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और कार्यवाही करना करनी चाहिये।

पीएमजीएसवाय सड़क पामेड़ से टेकलेर तक 7 किलोमीटर बनना था इसे भी अधूरा कर पूरी राशि गबन कर लिया है,इसमे मिट्टी और मुरुम कार्य किया जाना था लेकिन नही किया गया है ग्रामीणों ने कहा है ऐसा कोई कार्य इस स्थान पर नही हुआ है।ऐसी कृत्य स्थानीय संरक्षण के बगैर संभव नही है इसमे विधायक और प्रशासन की संलिप्तता है।

महीनों पहले उसूर मार्ग में हुई भ्रष्टाचार को लेकर एफआईआर दर्ज के लिए आवेदन दिया गया था पर ठेकेदार पर विधायक और प्रशासन का संरक्षण है इसलिए इन्हें बचाने के लिए एफआईआर दर्ज नही किया जा रहा है ऐसे भ्रष्टाचार करके बीजापुर को गर्त में ढकेल रहे हैं,अब हम न्यायालय के शरण मे जाएंगे दोषियों को सजा दिलवाएंगे।

ब्यूरो रिपोर्ट बीजापुर : नितिन रोकड़े

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