प्रधानमंत्री के सामने आज जांजगीर कलेक्टर यशवंत कुमार की जवाब देते हालत खराब हो गई। बता दें कि कलेक्टर को अपने जिले के गांवों की संख्या पता थी और ना ही इस बात का जवाब था कि कितने गांव कोरोना मुक्त हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर कोई प्लानिंग भी नहीं बता पाए इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ही कोरोना को लेकर उन्हें प्लानिंग समझानी शुरू की।
गौरतलब है कि कोरोना की रोकथाम और वैक्सीनेशन को लेकर आज प्रधानमंत्री मोदी प्रदेश के 5 कलेक्टरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे। जांजगीर के अलावा कोरबा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़ व बिलासपुर के कलेक्टर कांफ्रेंसिंग में जुड़े। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले जांजगीर के कलेक्टर यशवंत कुमार से जुड़े। तमाम जिलों में कोरोना की व्यवस्था को लेकर जांजगीर कलेक्टर जवाब दे ही रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी ने यशवंत कुमार से सवाल करना शुरू कर दिया, लेकिन कलेक्टर सवालों का जवाब नहीं दे पाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने कलेक्टर यशवंत कुमार से पूछा- आपके जिले में कितने गांव हैं, जिसका आंकड़ा भी कलेक्टर यशवंत कुमार नहीं बता पाये। उन्होंने कहा कि उनके जिले में 1400 के कुछ गांव होंगे। जब प्रधानमंत्री ने उनसे ये पूछा कि कितने गांव कोरोना से मुक्त हो चुके हैं, तो यशवंत कुमार इसका भी जवाब ही नहीं दे सके। इस सवाल पर कुछ देर चुप रहने के बाद कलेक्टर ने कहा कि- उन्हे इसकी जानकारी नहीं है।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने इसके बाद गांवों से कोरोनो को मुक्त करने की पूरी प्लानिंग बतायी। उन्होंने कहा कि गांवों को कोरोना से मुक्त करने की प्लानिंग करनी चाहिये। अगर इस दिशा में काम करना शुरू किया गया तो एक गांव दूसरे गांवों से सीखेंगे और फिर दवाब भी उनपर बढ़ेगा कि कोरोना से कैसे गांव को मुक्त बनाया जाये।