News Edition 24 Desk: कोरोनावायरस महामारी के बीच दुनियाभर में छोटे व्यापारों के बंद होने का सिलसिला जारी रहा है। इसका असर यह हुआ है कि लगभग सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ी है।अब अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO Report ) की रिपोर्ट में भविष्य को लेकर कुछ और डराने वाली बातें सामने आई हैं।इसमें कहा गया है कि बेरोजगारी की यह मार 2023 तक जारी रह सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी कम से कम दो और साल यानी 2023 तक रोजगारों का आंकड़ा कोरोना महामारी के पहले के स्तर पर नहीं लौट पाएगा। यानी बेरोजगारी अभी इसी स्तर पर बनी रहेगी। आईएलओ के मुताबिक, 2022 में दुनियाभर में बेरोजगारों का आंकड़ा 20 करोड़ 70 लाख के करीब होगा। यह संख्या 2019 के 18 करोड़ 60 लाख बेरोजगारों के मुकाबले दो करोड़ 10 लाख ज्यादा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर महामारी जारी रही तो अर्थव्यवस्था की रिकवरी धीमी और अनिश्चित हो सकती है, जिससे दुनियाभर के श्रम बाजारों पर जबरदस्त असर पड़ेगा। इसमें यह भी बताया गया है कि वैश्विक बेरोजगारी 2023 तक कोरोना महामारी के पहले के दौर से ज्यादा रहेगी।
संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी ने 2022 में भी श्रम बाजार की रिकवरी की संभावना को नीचे किया है। माना जा रहा है कि आईएलओ कोरोनावायरस के मौजूदा दो वैरिएंट्स- डेल्टा और ओमिक्रॉन के असर को लेकर आशंकित है। ऐसे में लोगों के काम पर लौटने की संभावना भी अभी अनिश्चितताओं के दौर में है।