लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ कहां से खड़े होंगे इसको लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं. पहले सीएम योगी के मथुरा से चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन अब सूत्रों के अनुसार सीएम अयोध्या से चुनाव में खड़े होंगे. बताया जा रहा है कि दिल्ली में चल रही बीजेपी की हाई लेवल मीटिंग के दौरान ये फैसला किया गया है. माना जा रहा है कि हिंदुत्व को लेकर चल रही बीजेपी की चुनावी रणनीति को ध्यान में रखकर ये फैसला किया जा रहा है. साथ ही इस फैसले से पार्टी के कोर मतदाताओं को भी सही संदेश जाएगा.
हालांकि योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने को लेकर आखिरी फैसला सीईसी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे.
वहीं बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राम मंदिर एक ऐसा मुद्दा है जो हिंदुओं को एक करता है. ये एक भावनात्मक मुद्दा भी है और फिर ऐसे में अयोध्या से सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा कौन चुनाव लड़ सकता है. वे राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे हैं. योगी का इस सीट से लगाव भी है और वहां की जनता का प्यार भी उन्हें मिलता रहा है. यही कारण है कि पार्टी भी चाहती है कि योगी ही इस सीट का चेहरा बनें. इससे पहले मथुरा में जन विश्वास यात्रा के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि योगी मथुरा से पार्टी का चेहरा बनेंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले 2017 में भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता ने इस सीट से जीत दर्ज की थी. उनका भी इस क्षेत्र में काफी दबदबा है. सात फेज के इलेक्शन में अयोध्या में पांचवे फेज में चुनाव होंगे. 27 फरवरी को होने वाले चुनावों के लिए भाजपा ने अभी से ही राजनीतिक समीकरण बनाना शुरू कर दिया है. इससे पहले योगी ने अपनी सीट को लेकर कहा था कि पार्टी जहां से उन्हें चुनावा लड़ने के लिए कहेगी वे वहीं से चुनाव लड़ेगें. मथुरा और अयोध्या के बाद गोरखपुर सीट को भी योगी के लिए खास माना जाता है. इस कारण इस सीट को लेकर भी लोगों के बीच चर्चा थी.
यदि योगी इस सीट से लड़ते हैं तो भाजपा के यहां से जीतने की उम्मीदें काफी बढ़ जाएंगी. साथ ही सपा के लिए यहां पर अपनी सीट बचाना मुश्किल होगा क्योंकि यहां पर हिंदुवादी लहर है.