
सिलगेर की जनता ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीम को सौंपा ज्ञापन…
बीजापुर :किसान आंदोलन और भारत बंद के समर्थन में मूलवासी बचाओ मंच बीजापुर ने दो दिवसीय महा सभा एवम बैठक कार्यक्रम का आयोजन सिलगेर बिजापुर में आयोजित किया था। जिसमे किसान आंदोलन भारत बंद पर समर्थन दिया गया को मूल वासी बचाओ मंच एवम जेल बंदी रिहाई समिति के सदस्यों की सयुक्त बैठक का आयोजन किया गया था।
सोनी सोढ़ी और जेल बंदी रिहाई समिति के अध्यक्ष एवम उनके टीम की भव्य स्वागत कर सिलगेर की जनता ने और मूलवासी बचाओ मंच ने जेल बंदी रिहाई समिति का सम्मान किया ।आगामी समय में सिलेगर, एडेसमेट्टा,सार्केगुड़ा और अन्य सभी विषयों को लेते हुए कार्य करते हुए आंदोलन को और मजबूती से लड़ते हुए लोगो को न्याय दिलाने हेतु संकल्प किया गाया ।और वर्तमान कलेक्टर रीतेश अग्रवाल बीजापुर के तबादले होने पर सिलगेर की जनता,मूल वासी बचाओ मंच ने तथा जेल बंदी रिहाई समिति ने तबादलों के विरोध में एसडीएम बीजापुर के समक्ष जेल बंदी रिहाई समिति के अध्यक्ष सुजीत कर्मा के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम तबादला आदेश को निरस्त करने हेतु ज्ञापन दिया । और आदेश निरस्त करने की अपील की।मूल वासी बचाओ मंच बीजापुर,जेल बंदी रिहाई समिति और सिलगेर की जनता ने कहा है कि अगर सिलगेर से जुड़े अधिकारियों का बदलाव और तबादला बार बार होता रहेगा तो फैसले को आने में देरी होगी। न्याय मिलने और पारदर्शिता में कमी आएगी। इसलिए सभी के सहमति से तबादले के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया ।
आगामी समय में जेल बंदी रिहाई समिति और मूलवासी बचाओ मंच सयुक्त रूप से कार्य करते हुए बस्तर में हो रहे आदिवासियो का नरसंहार,फर्जी मुठभेड़ (सारेकगुडा, एडेसमेटा, सिलगेर) एड़मे मरकाम की रिहाई,अवैध गिरिफ्तारी जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर आंदोलन तेज करेगी।
जिले में दूसरी बार कलेक्टर के लिए आदिवासी ग्रामीण सामने आयें हैं, वहीं एसडीएम को ज्ञापन सौंप कहा कि सिलगेर के मामले में जब तक पूर्ण जांच नहीं हो जाती वह अंदरूनी क्षेत्र के ग्रामीणों के आधार कार्ड राशन कार्ड ऐसे शासकीय योजनाएं अब पहुंच रही हैं । ग्रामीण नहीं चाहते कि कलेक्टर रितेश कुमार का ट्रांसफर किसी अन्य जिले में हो । इसलिए वाह आदिवासी मंच जेल बंदी समिति ऐसे अन्य आदिवासी संगठनों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लिखकर एसडीएम बीजापुर को ग्रामीणों के द्वारा सौंपा गया है।
ब्यूरो रिपोर्ट बीजापुर : नितिन रोकड़े