छत्तीसगढ़ सरकार दिव्यांग जनों को आज भी नि:शक्तजन मानती हैं तो उन्हें अन्य राज्यों की तरह पेंशन में क्यों नहीं देती प्रथमिकता – जितेंद्र साहू

कोंडागांव। जितेंद्र साहू जिलाध्यक्ष विकलांग मंच छत्तीसगढ़ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी छत्तीसगढ़ सरकार दिव्यांग जनों को आज भी नि:शक्तजन मानती हैं तो उन्हें अन्य राज्यों की तरह पेंशन में प्रथमिकता क्यों नहीं देती हैं छत्तीसगढ़ राज्य को छोड़ दिल्ली में 2500 रू/-, गोवा में 3500 ₹/- उत्तराखण्ड में 1200₹/- उडीसा में 700 रुपये पेंशन हैं पर छत्तीसगढ़ में 350₹/- पेंशन हैं जीसे दिव्यांग जनों को लेने के पहले ही 50₹ से लेकर 100₹/- तक हर माह खर्च करना पड़ता हैं आटो या रिक्शा के लिए तो ले देकर हाथ में 250 या 300 रूपये ही हाथ आते हैं जो भीख रूपी पेंशन हैं छत्तीसगढ़ सरकार को जब दिव्यांग जना नि:शक्तजन लगते हैं तो उन्हें एक सम्मानित पेंशन राशि प्रदान करना चाहिए जिससे उनके परिवार वाले भी उनकी अच्छे से देख रेखा कर सकें . सरकार पुराने सुविधाओं को अपना नया सुविधा बात कर वह वही लुटना बंद करे ये बस किराये फ्री करने से कुछ नहीं होगा अखिर कितने दिव्यांग जन बंसो में रोज यात्रा करते गिनती के दो चार पर जो दिव्यांग जनों की असली तकलीफ हैं वो आर्थिक हैं यदि छत्तीसगढ़ शासन सम्मान जनक पेंशन नहीं दे शक्ति तो दिव्यांग जनों की क्षमता अनुसार काम दें जीससे व एक सम्मानित जीवन जी सकें और दिव्यांग खिलाड़ियों को किसी के पास हाथ न फैलाना पडे़।

ब्यूरो रिपोर्ट कोंडागांव : विकास ललवानी

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