बीजापुर ब्यूरो: छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा पामेड बीजापुर जिले का अतिसंवेदनशील एवं आदिवासी बहुल क्षेत्र के रूप में जाना जाता है पामेड के ठीक बाद तेलंगाना राज्य की सीमा प्रारम्भ होती है और पूरा पामेड क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ है। पिछले कई वर्षों से पामेड क्षेत्र के लोग अपने दैनिक उपयोग के साथ साथ खाद्य सामग्रियों के लिए पूरी तरह छत्तीसगढ़ सीमा से सटे तेलंगाना राज्य पर ही निर्भर है। यहाँ तक कि स्वास्थ्य जैसे मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी पामेड क्षेत्र के लोग तेलंगाना राज्य पर ही निर्भर है।
वर्तमान में पामेड में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। जहां लोगों का प्राथमिक उपचार होता है। लेकिन बड़े अस्पतालों तक पहुँचने के लिए कोई साधन नहीं होने के कारण पामेड क्षेत्र के लोग पिछले कई वर्षों से क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पामेड के लिए एम्बुलेंस की माँग करते रहे है। ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष एवं पामेड क्षेत्र के ज़िला पंचायत सदस्य कमलेश कारम ने भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पामेड के लिए एम्बुलेंस की माँग क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी एवं शासन प्रशासन से लगातार कर रहे थे, उक्त माँग की आवश्यकता को समझते हुए रविवार को बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने ज़िला कलेक्टर रितेश अग्रवाल, ज़िला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियाम, ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लालू राठौर आदि के विशेष उपस्थिति में विक्रम मंडावी ने हरी झण्ड़ी दिखाकर एम्बुलेंस को पामेड के लिए रवाना किया है। पामेड जैसे सुदूर क्षेत्र में एम्बुलेंस होने से किसी भी मरीज़ को बेहतर उपचार के लिए अच्छे से अच्छे अस्पताल लाने ले जाने में सुविधा होगी।
ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष एवं क्षेत्र के ज़िला पंचायत सदस्य कमलेश कारम ने पामेड क्षेत्र की जनता की ओर से विधायक विक्रम मंडावी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि
“एम्बुलेंस की माँग पामेड के लोग लम्बे अरसे से कर रहे थे और एम्बुलेंस पामेड जैसे क्षेत्र के लिए बहुत ज़रूरी थी जिसे क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी ने हरी झण्ड़ी दिखाकर एम्बुलेंस को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पामेड की ओर रवाना किया है, इससे दर्जनों गाँव के लोग लाभान्वित होंगे। पामेड जैसे सुदूर क्षेत्र में पहली बार एम्बुलेंस मिलने से लोग ख़ुश है।”
ब्यूरो रिपोर्ट बीजापुर : नितिन रोकड़े