
कुछ दिनों पहले ऑक्सीजन की भारी किल्लत की खबरों से विचलित होकर मशहूर कवि कुमार विश्वास केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को खरी- खोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग ऑक्सीजन मांग रहे हैं, इन्होंने राफेल नहीं मांगा था।
गांवों में भी स्थिती भयावह हो चली है और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बद से बदतर है। ऐसे में हिंदी के मशहूर कवि कुमार विश्वास गांव के लोगों की मदद कर रहे हैं।

एक मीडिया ग्रुप के कार्यक्रम ‘देश को जवाब दो’ पर बोलते हुए कुमार विश्वास का गुस्सा केंद्र सरकार पर फूट पड़ा। वो बोले, ‘ये बेशर्म जो बताते हैं कि हमने ऐसे व्यवस्था बना दी, हमने ऐसे अस्पताल बना दिए, इनके घरवाले जब बीमार हुए तब सरकारी अस्पताल में नहीं, बल्कि मेदांता में लेटे, मैक्स में लेटे, फोर्टिस में लेटे। उन्हें लेटते हुए शर्म नहीं आती।’
कुमार विश्वास ने शिक्षा व्यवस्था पर भी चोट किया और कहा कि अगर राजनेता कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था सुधर गई है तो उनके बच्चे महंगे स्कूलों में क्यों जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘कहते हैं हमने स्कूल बना दिया और उनके बच्चे पढ़ते हैं डीपीएस में। किसको बेवकूफ बना रहे हैं। इस देश के लोग उन लोगों ककी पहचानें।’
कुमार विश्वास ने आगे कहा, ‘रात को चीखें सोने नहीं देती। रात को फोन आता है कि बस बचा लीजिए। मुझे लगता है कि मेरे हाथ में होता तो पता नहीं क्या दे देता उनको। और वो लोग क्या मांग रहे थे तुमसे? सांस मांग रहे थे भाई साहब, ऑक्सीजन मांग रहे थे। तुमसे कौन सा उन्होंने क्रायोजेनिक इंजन मांगा था, तुमसे कौन सा आकाश में उड़ने वाला राफेल मांगा था। और तुमने वहीं नहीं दिया, कैसे बेशर्म लोग हैं!’
कुमार विश्वास ने यह भी कहा कि नेता हमारे घरों से ही आते हैं इसलिए लोगों को सुधारना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं हाथ जोड़ कर नेताओं से निवेदन करता हूं कि गांवों को बचा लीजिए। जिन्हें हमने वोट दिया, टैक्स दिया, उन्होंने हमारा आत्मविश्वास तोड़ा और ये जो उन्होंने छला है, उसका हिसाब ईश्वर लेगा। मतदाता तो मुझे लगता नहीं कि लेगा। मतदाता तो अभी भी हिंदू मुस्लिम में उलझा हुआ है।’