कोविड हॉस्पिटल में डॉक्टर का जादू…

• कोविड हॉस्पिटल में ईलाज के दौरान मीठे  अनुभव….

भगवान का दूसरा नाम  डॉक्टर

बीजापुर — जिला अस्पताल के बाद कोविड अस्पताल 23 अप्रैल को अचानक तबियत खराब हो गई जाना पड़ा कोविड हॉस्पिटल !अस्पताल जाने के बाद पहले ही दिन के कुछ खास अनुभव ….

कोरोना होने का मतलब लोग कोई बहुत बड़ी बीमारी हो गई है ऐसा समझने लगे हैं। रिश्तेदार परिवार सहित अन्य लोग भी बीमार व्यक्ति से ऐसे दूर हो जाते हैं । जैसे उनसे सारा रिश्ता खत्म हो गया हो पर जिला मुख्यालय के कोविड केयर में ऐसे सारे मरीजों का बहुत ही सुंदर तरीके से इलाज हो रहा है ।

बीमारी के दौरान डॉक्टर मानस,डॉक्टर विनोद से मेरी मुलाकात अस्पताल में इलाज करवाने के दौरान हुई । इन दोनों डॉक्टरों से मैंने अनुभव किया कि इन दोनों ने बड़ी ही शिद्दत से और बहुत नजदीक से सारे मरीजों का काफी ध्यान रखा सुबह आते और देर रात तक कोविड सेन्टर मे रहकर मरीजों की सेवा करते साथ ही मैंने पहली बार ऐसा देखा कि डॉक्टर मानस और विनोद तोगर मरीजों को आकर काफी नजदीक से छूना उनसे बातें करना उनके अनुभव जानना साथ ही उनकी तबीयत के बारे में एकदम बारीकी से पूछना मुझे ऐसा लगा कि इनके इलाज करने का तरीका ही अलग है । भयभीत कर देने वाले बीमारी से मरीज को बहुत जल्द स्वस्थ कर रहे है।

डॉक्टर विनोद तोगर गाँव सालमेटा से खास बातचीत

चुनौतियों में मैंने बेहतर इलाज करना सीखा आज कोरोना में बहुत बड़ी चुनौती है । सभी के लिए लेकिन पीपी किट पहनकर मैं जब इलाज करने जाता हूं ।तो सबसे पहले यही सोचता हूं कि उस मरीज को मुझसे इतना फायदा हो कि वह मुस्कुराता हुआ अपने घर जाएं । कई बार तो मैं परेशान भी हुआ क्योंकि कई मरीजों से तू तू मैं मैं भी हो जाती है । उन्हें लगता है कि कोई कोविड सेन्टर में बेहतर इलाज नहीं हो रहा परंतु जितनी सुविधा मिली है उस पर बेहतर इलाज देना हमारा काम है और वही काम हम कर रहे हैं । हमने कभी भी किसी मरीज को छोटा या बड़ा के नजरिया से नहीं देखा इलाज का मतलब होता है इलाज करना और सिर्फ इलाज करना ! डर तो सभी को लगता है मुझे भी डर है क्योंकि मेरा भी परिवार है लेकिन उसके पहले मैंने जिस चीज की कसम खाई है वह मैं आज कर्तव्य निभा रहा हूं पीपी किट पहनकर इलाज करना काफी परेशान करता है परंतु जब बैठकर हम सोचते हैं कि किसी मरीज का इलाज और इलाज ही करना है तो ऐसा लगता है कि आज के दौर पर हमें बेहतर और बेहतर कर दिखाना है । मैं सालमेटा गाँव से हूँ, ये गाँव बहुत अंदर जंगल मे है । सालमेटा गाँव मे ही कक्षा पांचवी तक की पढ़ाई की फिर 2002 में मैं फरसेगढ़ आया वहां से अपना पढ़ाई स्टार्ट किया और भिलाई से मैंने आगे की पढ़ाई की और आज मैं डॉक्टर बन अपने बीजापुर लौट आया।

डॉक्टर विनोद तोगर

डॉक्टर मानस रीबू रहने वाले रायपुर से अपने परिवार से दूर है पिछले चार महीनों से डॉक्टर साहब बताते हैं कि एक दिन शाम एक मरीज अचानक इनसे कहने लगा मुझे काफी सर में दर्द है और मुझे जल्दी ठीक होना है आप मेरा मलेरिया टेस्ट कराएं जब उन्होंने ध्यान दिया कि कोविड-19 व कोई और भी बीमारी हो सकती है तो उस मरीज ने उनका शुक्रिया अदा किया समय रहते उस मरीज का काफी अच्छे तरीके से इलाज हो गया और वह आज स्वस्थ है डॉक्टर बताते हैं कि उनकी पूरी टीम अच्छी है मेहनत करती हैं और सभी उनके साथ  काफी अच्छा मदद करते हैं जिसकी वजह से वह बेहतर और अच्छा कर पा रहे हैं। डॉक्टर मानस पीपी किट में एक-एक मरीज के पास जाकर लगभग 5 मिनट उनके पास खड़े होकर उनका इलाज करते हैं । दवा से ज्यादा अच्छा इलाज उसका हालचाल जानने पर होता है तो डॉक्टर मानस वही डॉक्टर है जो कोविड- हॉस्पिटल में एक-एक मरीज के पास जाकर उनसे उनका हाल जानते हैं और बेहतर से बेहतर इलाज देने की कोशिश करते हैं

डॉक्टर मानस बताते हैं कि उनकी पूरी टीम में स्टाफ नर्स कुमारी अंजू पटेल, दीपिका बुरका, रेणुका झाड़ी ,ममता एटी स्वर्णालता , सत्यवती, वार्ड बॉय, प्रवीण दुर्गम ,अजय झाड़ी ,शरण कोड़े, सफाई कर्मी, नागराज, कमल बेंजामिन, अशोक मौर्य, सुरक्षाकर्मी, जीवनलाल झाड़ी, तेजराव झाड़ी, प्रेम कुमार, जैसे और भी नर्स , सफाई कर्मी वार्डबॉय से ही कोविड-19 हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज बेहतर हो रहा है इन सब के सहयोग से ही आज हम बीजापुर में बेहतर सुविधाओं के साथ इलाज कर पा रहे हैं।

जिला प्रशासन कलेक्टर रीतेश कुमार अग्रवाल , जिला के विधायक विक्रम शाह मंडावी, जिला अस्पताल के सीएस डॉ अभय तोमर, सीएमएचओ डॉ पीआर पुजारी, नगरपालिका के सीएमएचओ पवन मेरिया सभी का मैं मेरे परिवार की ओर से तहे दिल से शुक्रगुजार हूं कि इन सब की टीम की अच्छी व्यवस्था की वजह से में कोविड-हॉस्पिटल से स्वस्थ होकर लौटा

✍ नितिन रोकड़े ब्यूरो चीफ बीजापुर

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