News Edition 24 Desk: उन्नाव:- पूर्वांचल और बिहार में गंगा नदी में संदिग्ध कोविड रोगियों के तैरते शवों के बाद अब उन्नाव से भयानक दृश्य सामने आया है। यहां गंगा नदी के किनारे दो स्थानों पर कई शव रेत में ही दफन कर दिए गए हैं। दो स्थानों पर स्थानीय लोगों ने दफन शवों को देखा। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि ये शव कोविड रोगियों के हैं। घटना शुक्लागंज हाजीपुर के रौतापुर गंगा घाट की है जहां रेत पर बने कब्रगाह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। यह दृश्य चौंकाने वाला है। बताया जा रहा है कि लकड़ियां कम पड़ने और महंगी मिलने के कारण लोगों ने हिंदू रीति-रिवाजों को छोड़कर शवों को दफनाना शुरू कर दिया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रौतापुर घाट पर पिछले 20 दिनों से यह देखने को मिल रहा है। बुधवार को यहां आए 16 शवों में 13 रेत में दबा दिए गए। रौतापुर घांट पर पिपरी, लंगड़ापुरवा, मिर्जापुर, भटपुरवा, राजेपुर, कनिकामऊ समेत कई गांवों के लोग यहां अंतिम संस्कार करने आते हैं।
दूसरे इलाकों में चलाया जा रहा तलाशी अभियान
उन्नाव के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा, ‘हमारी टीम को नदी से दूर एक क्षेत्र में रेत में दफन शव मिले हैं। दूसरे इलाकों में शवों के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। मैंने टीम को जांच के आदेश दिए है। उसके हिसाब से ऐक्शन लिया जाएगा।’ उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग शव नहीं जलाते बल्कि नदी के पास रेत में दफन कर देते हैं।
प्रशासन को उचित दाह संस्कार कराना चाहिए’
स्थानीय व्यवसायी शिरीष गुप्ता ने कहा, ‘मॉनसून मुश्किल से एक महीना दूर है और एक बार गंगा नदी के पानी से भर जाने के बाद, ये शव किनारे आ जाएंगे। जिला प्रशासन को शवों को हटाना चाहिए और उनका उचित दाह संस्कार करना चाहिए।’
दाह संस्कार महंगा होने से दफना रहे शव!
जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अगर हम शव निकालते हैं तो यह एक कानून व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकता है। हम देखेंगे कि सबसे अच्छा क्या किया जा सकता है।’ सूत्रों ने कहा कि जब से चल रही महामारी में मरने वालों की संख्या बढ़ने लगी है, तब से दाह संस्कार करने की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।
शिरीष गुप्ता ने कहा, ‘हिंदू संस्कारों के अनुसार दाह संस्कार का पैकेज अब 15,000 से 20,000 रुपये के बीच है। यह स्पष्ट है कि गरीब लोग इसे अदा नहीं कर सकते हैं और वे नदी के किनारे शवों को दफन कर रहे हैं।’ इससे पहले भी सोमवार को गाजीपुर और बलिया जिलों में गंगा के तट पर मृतकों के शव मिले थे,वहीं बिहार के बक्सर में भी तैरती हुई लाशें मिलीं थी।