सुकमा। सुकमा में कोरोना लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। ग्रामीणों ने गादीरास क्षेत्र के मनकापाल में सीआरपीएफ कैम्प खोले जाने का विरोध किया, साथ ही उन्होंने अपना गुस्सा उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर भी उतारा।
पंचायत की अनुमति के बिना क्यों खोला गया कैंप..?
ग्रामीणों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि ग्राम पंचायत की अनुमति के बिना लॉकडॉउन के समय कैम्प कैसे खोल दिया गया? गुस्साए ग्रामीण मनकापाल में कैंप के पास एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी की। यहाँ कोविड 19 के गाइडलाइन का भी पूरी तरह उल्लंघन होता रहा। सैकड़ों ग्रामीण एक साथ बैठे रहे और अपना विरोध जताते रहे। इस दौरान ग्रामीणों ने मंत्री कवासी लखमा से इस्तीफे की भी मांग की।
कैंप खुलने से होता है विकास : एस पी
सुकमा एस पी के एल ध्रुव ने बताया कि ग्रामीण इकट्ठे होकर कैंप का विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंप कर पूछा है कि बिना पंचायत की अनुमति के कैंप कैसे खोला गया। एस पी के एल ध्रुव का मानना है कि इस तरह कैंप के खुलने से ग्रामीणों की सुरक्षा के साथ ही क्षेत्र के विकास में भी मदद मिलती है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के दूसरे इलाके इसका उदहारण हैं।
गौरतलब है कि सुकमा क्षेत्र में माओवादियों को खदेड़ने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा कैंप स्थापित किया जा रहा हैं किंतु ग्रामीण क्यों इसका विरोध कर रहें हैं, इसकी कोई भी समीक्षा नहीं कर रहा है। कहीं सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा की गई ज्यादतियों को लेकर ग्रामीण अभी तक भयाक्रांत तो नहीं हैं। सलवा जुडूम अभियान के दौरान कैंपका विरोध करने वाले एकलौते कांग्रेसी नेता व वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री कवासी लखमा भी जनता को अपने विश्वास में नहीं ले पा रहें हैं जिनके खिलाफ ग्रामीणों में नाराजगी है और मंत्री लखमा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वे उनसे भी इस्तीफे की मांग कर रहें हैं।
Report Sukma Bureau Upendra Naik.