News Edition 24 Desk: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की तरफ से पहली बार बड़े नक्सल नेताओं पर अलग से इनाम घोषित किए जाने से नक्सल समस्या के सफाये पर केंद्र सरकार का संकल्प सामने आया है। तीन अप्रैल को बीजापुर में 22 जवानों की शहादत को बेकार नहीं जाने देने की गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी। नक्सलियों पर इनाम उनके कैडर व रैंक के हिसाब से तय किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में 2015 में इनाम के लिए निर्धारित की गई नीति
राज्य सरकारें नक्सल उन्मूलन के लिए समय-समय पर नीति बनाती हैं। इसी में यह तय होता है कि किस स्तर के नक्सली पर कितना इनाम होगा। छत्तीसगढ़ में 2015 में नक्सल नीति बनी थी। उसी समय इनाम निर्धारित किए गए थे। तब से इनाम की राशि नहीं बदली है। राज्य सरकार की ओर से इस समय 10 हजार से लेकर एक करोड़ रुपये तक के इनाम विभिन्न नक्सलियों पर घोषित हैं। आत्मसमर्पण करने पर इनाम की राशि उस नक्सली को ही दे दी जाती है। अगर वह मुठभेड़ में मारे जाते हैं या गिरफ्तार होते हैं तो पुलिस दल को राशि दी जाती है।
छत्तीसगढ़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली
1- वसवराजू उर्फ प्रकाश उर्फ कृष्णा उर्फ केशव
2- मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ रमन्ना उर्फ श्रीनिवास राव उर्फ दयानंद उर्फ चंद्रशेखर उर्फ गुडसा दादा उर्फ मलन्ना
3- कट्टकम सुदर्शन उर्फ आनंद उर्फ मोहन उर्फ बीरेंदर उर्फ सुदर्शन उर्फ महेश उर्फ रमेश उर्फ एनएन दुला
4- मल्लुजुला वेणुगोपाल उर्फ विवेक उर्फ भूपति उर्फ सोनू, उर्फ लक्षन्ना
5- मिशिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सुनिर्मल उर्फ सुनील उर्फ विवेक