नई दिल्ली. देश में रमजान (Ramzan) का महीना 14 अप्रैल से शुरू होगा. सोमवार को चांद के नजर नहीं आने के बाद दिल्ली स्थित जामा मस्जिद से ऐलान हुआ कि रमजान 14 अप्रैल से शुरू होगा. बता दें कि इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक नवां महीना रमजान का होता है. मुस्लिम समाज के लिए रमजान माह की बहुत अहमियत है. इसे बरकतों, रहमतों का महीना माना जाता है. दुनिया भर में इस्लाम को मानने वाले लोग रमजान के पूरे महीने अल्लाह की इबादत (Worship) करते हैं, नमाज अदा करते हैं और क़ुरआन की तिलावत करते हैं. हर साल चांद (Moon) का दीदार करने के बाद रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत होती है. लोगों को रमज़ान के चांद का खासा इंतजार रहता है.
29 या 30 दिन का महीना
जानकारों के मुताबिक दुनिया के अन्य देशों में रमजान का महीना संभवतः 13 अप्रैल 2021 से शुरू हो रहा है. रमजान का चांद रविवार को सऊदी अरब में नहीं दिखाई दिया और अरब देश में पहला रोजा मंगलवार, 13 अप्रैल को होगा. चांद दिखने की तारीख के मुताबिक यह महीना 29 या 30 दिन का होता है.
कोविड-19 के चलते धार्मिक स्थान बंद.
बता दें कि महाराष्ट्र के एक मुस्लिम संगठन ने रविवार को सरकार से अपील की कि अगले हफ्ते से शुरू हो रहे रमजान के महीने के दौरान समुदाय के लोगों को मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाए. जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मराठवाड़ा क्षेत्र के सदस्यों ने रविवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से मुलाकात कर अपनी मांग रखी. राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते वर्तमान में धार्मिक स्थान बंद हैं. महाराष्ट्र के साथ देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण को लेकर नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों के ऐलान किए गए हैं.
संगठन ने मंत्री से कहा कि रमजान के पवित्र महीने को देखते हुए सरकार को कुछ राहत देनी चाहिए और मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को प्रवेश देना चाहिए. संगठन ने कहा कि पांचों वक्त नमाज के लिए इन धार्मिक स्थलों की क्षमता के 50 फीसदी का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
संगठन के उपाध्यक्ष मौलाना सोहैल ने मंत्री को आश्वासन दिया कि मुस्लिम कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन करेंगे. मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनकी मांग पर विचार करेगी.