गाँव वालों ने जवानों को बातों में उलझाया फिर नक्सलियों ने पहाड़ से बरसा दी गोलियां

रायपुर, छत्तीसगढ़. बीजापुर जिले के तर्रेम में हुए नक्सली हमले की गूंज अमेरिका तक सुनाई पड़ी। यूएस काउंसिगल जनरल ने एनकाउंटर में शहीद हुए 24 जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस बीच घायल जवानों ने बताया कि नक्सलियों की गांववालों ने मदद की। घायल जवानों ने बताया कि नक्सलियों पुलिसबल को फंसाने ट्रैप लगाया था। इसमें गांववालों ने उनका साथ दिया। गांववालों ने पुलिसटीम को बातों में उलझाया और फिर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी।

घात लगाकर पहले से ही बैठे थे नक्सली
पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा अपने गांव कुवंती आया हुआ है। इसके बाद 1500 जवानों की एक टीम सर्चिंग के लिए भेजी गई। लेकिन जब टीम वापस लौट रही थी, तभी नक्सलियों ने हमला कर दिया। यह मुठभेड़ करीब 5 घंटे चली। इसमें 22 जवान शहीद हो गए। वहीं, बस्तर आईजी पी सुंदरराज दावा करते हैं कि इसमें 20-25 नक्सली भी मारे गए। पुलिस सूत्र यह संख्या 25-30 भी बता रहे हैं।

बताते हैं कि नक्सलियों ने देसी रॉकेट लॉन्चर और लाइट मशीनगन (एलएमजी) का इस्तेमाल किया था। जहां यह हमला हुआ, वो नक्सलियों का बड़ा गढ़ माना जाता है। यहीं से एक किमी दूर नक्सलियों के दुर्दांत कमांडर हिडमा का गांव है। डीआईजी(नक्सल ऑपरेशन) ओपी पाल ने बताया कि सुकमा-बीजापुर की सीमा पर जूनागढ़ गांव में यह मुठभेड़ हुई थी।  पुलिस और अर्धसैनिक बल की टीम कई हिस्सों में बंटकर सर्चिंग कर रही थी। जबकि हिड़मा की माओवाद बटालियन ने यू आकार में उन्हें घेर लिया था। यानी पुलिसबल तीन तरफ से घेर ली गई थी। मैदान में पुलिसबल था, जबकि पहाड़ के ऊपर नक्सली।

नक्सल ऑपरेशन आईजी नलिन प्रभात की प्लानिंग पर उठीं उंगुलिया

इस हमले को पुलिस की नाकामी बताया जा रहा है। दंतेवाड़ा में करीब 11 साल पहले CRPF के 76 जवान नक्सली हमले में शहीद हुए थे। तब CRPF के DIG नलिन प्रभात थे। अब वे IG नक्सल ऑपरेशन हैं। पिछले मामले में उनके खिलााफ इन्क्वायरी हुई थी, लेकिन उनका सिर्फ तबादला किया गया था।

(Source Asianet News)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *