सपनों की दुनिया से कम नहीं है ‘तालकोना वाटरफॉल्स’, फैमिली के साथ बिताएं सुकून के पल

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पर्यटन स्थलों में ‘तालकोना वाटरफॉल्स’ (Talkona WaterFalls) का नाम सबसे पहले आता है जो खूबसूरत प्राकृतिक झरना चित्तूर (Chittoor)  के नेरबयलू गांव के करीब स्थित श्री वेंकटेश्वरा नेशनल पार्क ( Venkateshwara National Park) में है। इस वाटरफॉल्स की दूरी तिरुपति से जहां 64 किलो मीटर है वहीं चित्तूर हेडक्वार्टर से 81 किलोमीटर की दूरी पर है। लगभग 270 फीट की ऊंचाई से घाटी की गहरी खाई में गिरता भव्य वाटरफॉल्स आंध्र प्रदेश के सबसे ऊंचा झरना होने के साथ राज्य का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल (Tourist Spot) भी है। 

यहां के पानी में है कई दुर्लभ जड़ी -बूटियों के गुण
प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली से भरे घने जंगल में है यह वाटरफाल्स। ऐसा माना जाता है कि तालकोना वाटरफॉल्स के पानी में कई औषधीय जड़ी-बूटियों का गुण समाया है। इस क्षेत्र में मिलने वाली कई दुर्लभ जड़ी-बूटियों और पेड़-पौधों की वजह से 1990 में तालकोना को आरक्षित जीव मंडल (Bio-Sphere Reserve) घोषित किया गया।

जंगल में है कई तरह के जीव- जंतु
इस जंगल में कई तरह के जीव–जंतु पाए जाते हैं, जैसे हिरण, साही, चीतल, गोल्डेन गेको, इंडियन जेंट स्क्विरिल, स्लेंडर लोरिस, काला पैंथर, माउस डीर आदि शामिल हैं। तेलुगु में तालकोना का अर्थ पहाड़ की चोटी। लोगों में यह भी धारणा है कि तालकोना से शेशाचलम हिल्स की शुरूआत होती है जो तिरुमला तक फैला हुआ है।

कैनोपी रोपवे

240 मीटर लंबा है कैनोपी रोप वॉक
यहां करीब 240 मीटर लंबा कैनोपी रोप वॉक है। 35 से 40 फुट की ऊंचाई पर बने इस कैनोपी रोप वॉक के दौरान पर्यटकों को थ्रिलिंग एक्सपीरिएन्स मिलेगा। इस कैनोपी वॉक के दौरान पर्यटक बड़े-बड़े पेड़, पक्षियों और बंदरों भी देख सकते हैं

ट्रैंकिंग का भी उठा सकते हैं लुत्फ
कठिनाइयों की विभिन्न श्रेणियों में ट्रेक रुट्स हैं जिन्हें पर्यटक अपनी क्षमता के मुताबिक चुनते हैं। यही नहीं, यहां के पहाड़ों पर कई जगह गुफाएं भी देखने को मिलती हैं और बताया जाता है कि यहां ऋषि-मुनी ध्यान किया करते थे।

वाटर फॉल्स के करीब है भगवान सिद्देशर स्वामी का मंदिर
इस वाटरफॉल्स के करीब भगवान सिद्देश्वर स्वामी का एक छोटा मंदिर है। बताया जाता है कि सदियों पहले अप्पा स्वामी नाम के एक भक्त ने इस मंदिर को बनवाया था। शिवरात्रि पर यहां भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और इस क्षेत्र का सबसे बड़ा पर्व भी शिवरात्रि है। इस सिद्देश्वरा मंदिर से तालकोना के लिए 2 किलो मीटर लंबा ट्रेक रूट भी है, जो घने जंगल और कीचड़ के कारण फिसलते कच्चे रास्तों से वाटरफॉल्स पहुंचने के लिए आधे घंटे से ज्यादा वक्त लगता है।

यह राज्य का सबसे ऊंचा झरना

टूरिस्ट के लिए है ठहरने की व्यवस्था
इस घने जंगल में भी पर्यटकों के लिए आवास की सुविधा उपलब्ध है और पर्यटक यहां एडवेंचर्स रात बिताकर प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं। पर्यटकों के लिए यहां मुख्य रूप से दो तरह के गेस्टनहाउस उपलब्ध हैं, जिनमें से एक फॉरेस्ट गेस्ट हाउस तो दूसरा TTD गेस्ट हाउस है। फॉरेस्ट गेस्ट हाउस का रखरखाव जहां आंध्र प्रदेश वन विभाग करता है और यहां 6 सूट्स (Rooms) और 2 डॉर्मिटरी अटैच्ड टॉयलेट के साथ और इनका किराया भी बहुत कम है। यहां रूम का किराया प्रति दिन 600 रुपए और डॉर्मिटरी का दाम करीब 1000 रुपए प्रति दिन है।

यहां लोगों के लिए वन विभाग औऱ टीटीडी के गेस्ट हाउस ठहरने के लिए उपलब्ध हैं।

तालकोना के पास श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए टीटीडी के गेस्ट हाउस भी उपलब्ध है। यहां कुल 12 Rooms हैं और हर रूम में दो बेड्स और अटैच्‍ड टॉयलेट्स हैं। यहां का प्रति दिन किराया सिर्फ 250 रुपए है। टीटीडी गेस्ट हाउस के Rooms ऑनलाइन पर बुक करने के लिए कोई एडवांस नहीं है।

तालकोना वाटरफॉल्स जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से जनवरी के बीच होता है। आमतौर पर यहां जाने के लिए पूरा एक दिन का वक्त लगता है। यही नहीं, बकारापेट से तालकोना वाटरफॉल्स जाने के लिए निजी ट्रांसपोर्ट सुविधा भी होती है। तिरुपति और चित्तूर से तालकोना वाटरफॉल्स के लिए डायरेक्ट बस सेवा भी उपलब्ध है।

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