एस डी ठाकुर : प्रधान संपादक..
News Desk : जी हां आपको यह जान कर उत्सुकता जागृत हुई होगी कि उपर दिये गए शीर्षक पर व्रिस्तृत खबर क्या है..? आप सभी की उत्सुकता को हम दूर करते हैं और आपको यह बताने की कोशिश करते हैं कि शासन का नियम क्या है और कहाँ हो रही है विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों को परेशानिया.. आइये अब विस्तार से बात करें तो दर असल हम आज जनहित में यह मुद्दा उठाने जा रहे हैं जिस से छत्तीसगढ़ वन विभाग के वो कर्मचारी एवं अधिकारी जो दिन रात जंगल जंगल में कई परेशानियों को झेलते हुए अपनी सेवा देते आ रहे हैं उनमें से कुछ का हक है पदोन्नति का… परंतु शासन की एक प्रक्रिया होती है जिसमें पदोन्नति का लाभ जिन्हें मिलना है उनकी विभाग द्वारा एक डीपीसी तैयार होती है उसके बाद ही उन्हे प्रमोशन मिलता है।
क्या कहता है शासकीय नियम ..?
अब यहाँ महत्वपूर्ण बात यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य के वन विभाग में उन तमाम अधिकारियों की डीपीसी 2 जुलाई को हो गई और शासन के आदेश के अनुसार डीपीसी के जारी होने के बाद 20 कार्य दिवस तक आदेश जारी करना अनिवार्य है। परंतु अब तक शासन की तरफ से पदोन्नति आदेश जारी नहीं किया गया।
आदेश का इंतजार करते आज तक 5 लोग हो गए सेवानिवृत
सूची में जिनके नाम है उनमें से सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन लोग रिटायर भी हो चुके हैं और खबर प्रकाशित होते तक आज दो लोग और रिटायर हो रहे हैं… ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि क्या इन अधिकारियों को अब लाभ मिल सकता हैं या ये लाभ से वंचित हो जायेंगे।
इस विषय में हमनें वन विभाग के उच्च अधिकारियों से लेकर विभागीय मंत्री से बात करने की कोशिश करी लेकिन हर तरफ से जवाब सकरात्मक नहीं मिला। पीसीसीएफ श्री श्रीनिवास राव ने कहा कि इस बारे में शासन से बात करिये। बातों बातों में पता चला कि विभागीय मंत्री जी का कार्य उनके पूर्व रमन सरकार के शासन काल में रहे उनके निज सहायक ही अब भी संभाल रहे हैं.. जो शासकीय नीयमानुसार सेवानिवृत हो चुके हैं। फिर भी वर्तमान में कमान उनके हाँथ में है। विभागीय मंत्री जी से भी हमने सीधे संपर्क करना चाहा मगर उनके कार्यकर्मो की व्यस्तता के चलते हमारी बात नहीं हो पाई…
चिंता में अधिकारी कर्मचारी
बात अब वही अटक गई कि 2 जुलाई 2024 को डीपीसी हो जाने के बाद भी अब तक डिप्टी रेंजरो और रेंजरों को उनके प्रमोशन का लाभ नहीं मिला है जबकि शासन के नियम अनुसार उन्हें डीपीसी के 20 कार्य दिवस में ही लाभ मिल जाना चाहिए था। और प्रमोशन सूची में शामिल जो सेवानिवृत हो गए और आज भी 2 लोग हो रहे हैं उनका क्या होगा.. क्या लाभ उन्हें मिलेगा या गर्त में ही रह जायेगा यह जानने का विषय है। सवाल इस बात का भी है कि इन तीन महीनों के वेतन, पीएफ और उसमें मिलने वाले अन्य लाभ की भरपाई क्या शासन करेगी..?