बोरे-बासी पर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमाई… भाजपा का इंकार, कांग्रेस का पलटवार..!!

रायपुर : एस डी ठाकुर, प्रधान संपादक

कांग्रेस ने प्रदेश के संस्कृति का अपमान किया है – अरुण साव
छत्तीसगढ़िया रोज बोरे बासी खाते है..कांग्रेस सरकार ने बोरे-बासी का अपमान किया था – राम विचार नेताम
भाजपा उद्योगपतियों की सरकार है, उन्हें संस्कृति से मतलब नहीं- दीपक बैज

रायपुर। आज एक मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस है। श्रमिक दिवस पर छत्तीसगढ़ की पूर्व कांग्रेस सरकार ने इस दिन को श्रमिकों के सम्मान में बोरे-बासी तिहार दिवस के रूप में मनाना शुरू किया था।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ की सत्ता में काबिज़ भाजपा सरकार ने बोरे- बासी दिवस मनाने से इंकार कर दिया है जिसके बाद प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है। सरकार के इंकार के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कार्यकर्ताओं से अपील किया है कि वे बोरे बासी खाये और फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, हमारी सरकार ने श्रमिकों के सम्मान में बोरे-बासी तिहार शुरू किया था। कांग्रेस पार्टी हमेशा श्रमिकों का सम्मान करती हैं। हम सभी बोरे-बासी खाकर श्रमिकों का सम्मान करेंगे। बैज ने आगे कहा, भाजपा की सरकार मजदूरों किसानों की सरकार नहीं है। यह उद्योगपतियों की सरकार है, उन्हें संस्कृति से मतलब नहीं।

दूसरी तरफ साय सरकार के मंत्रियों ने आज बोरे बासी दिवस मनाने से इंकार कर दिया हैं। उप मुख्यमंत्री अरुण साव और रामविचार नेताम ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया हैं। कहा हैं कि, कांग्रेस ने प्रदेश के संस्कृति का अपमान किया है।

मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, छत्तीसगढ़िया रोज बोरे बासी खाते है। कांग्रेस सरकार ने बोरे-बासी का अपमान किया था। (Bore Basi Diwas Chhattisgarh) अधिकारी सरकार के दबाव में काटा चम्मच में बासी खाते थे। यहाँ कांग्रेस सरकार मजदूरों के बोरे-बासी में भी पैसे खा गई। कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़िया संस्कृति का अपमान किया हैं।

गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने की दलील के साथ पूर्ववर्ती सरकार की तरफ से प्रदेश भर में बोरे-बासी दिवस का आयोजन किया जाता था। तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार में यह दिवस हर साल के पहले मई को मनाती थी। इस मौके पर राज्य भर के कांग्रेस नेता और अधिकारी-कर्मचारी बोरे बासी खाकर इस दिवस को मनाते थे। एक मई मजदूर दिवस होने की वजह से सरकार की दलील थी कि वह इस माध्यम से श्रम शक्ति को भी नमन कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *