15 साल बाद खुला था ज्ञान का मंदिर गोरना में जिसे ढहा दिया माओवादियों ने ….

रैली कर कि थी माँग स्कूल आंगनबाड़ी अस्पताल की….

जिला प्रशासन ने दी थी गोरना को नए स्कूल की सौगात जिसे माओवादियों ने ढहाकर साबित कर दिया है कि अंदरूनी क्षेत्रों के आदिवासियों को पढ़ने का कोई हक नहीं है….

बीजापुर।15 साल बाद मिली थी बड़ी सौगात नए स्कूल के रूप में ग्राम पंचायत मनकेली के अंतर्गत आने वाले ग्राम गोरना को स्कूल के लिए काफी दिनों से रैली निकालकर मांग की जा रही थी । स्कूल की प्राथमिकता को देखते हुए,जिला प्रशासन ने बंद स्कूलों में से गोरना गांव के स्कूल को पक्का बनाने का फैसला किया ।

नवंबर 2019 में झोपड़ी में स्कूल का संचालन शुरू हुआ था, धीरे-धीरे बच्चों की संख्या और पढ़ाई में रुचि को देखते हुए जिला प्रशासन ने गांव के स्कूल को पक्का रूप दे दिया था । दिसंबर 7 से 8 तारीख को नया स्कूल बनकर तैयार हो गया था और लगभग 15 दिन तक बच्चे लगातार नए स्कूल में बैठकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे

अचानक जिला मुख्यालय से गोरना गांव को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क का निर्माण का कार्य करना शुरू किया जाने लगा, इस दौरान रोड ओपनिंग पर काफी संख्या में जवानों की आमद माओवादियों को नागवार गुजरी और पुलिस को आता जाता देख माओवादियों ने नए बने स्कूल को 30 दिसंबर 2020 में पूरी तरह तोड़ कर खत्म कर दिया ।

ग्रामीणों से बातचीत में ग्राम गोरना के ग्रामीणों ने बताया कि हम ने रैली निकालकर स्कूल आंगनबाड़ी और अस्पताल की मांग की थी परंतु गांव में सड़क निर्माण कार्य को देख रोजाना पुलिस को आता देख अचानक वह लोग आए और स्कूल को तोड़ दिया उनका कहना था कि स्कूल में ही आकर फोर्स रुकेगी या कैंप बनेगा । जब News Edition 24 की टीम गांव पहुंचकर गांव वालों से बातचीत की तो उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल अब भी हमें चाहिए और इस स्कूल का निर्माण हम किसी तरह करवाने के बारे में सोच रहे हैं ।

गाँव से कई दिनों से मांग आ रही थी कि स्कूल गांव में ही चाहिए तो पहले तो झोपड़ी में संचालन शुरू किया कुछ दिनों बाद पक्का स्कूल बनवा दिया था अब उसे उन लोगों ने तोड़ा है । तो इस पर आगे बात कर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने के लिए माओवादियों पर एफआईआर भी होगी ।

रितेश कुमार अग्रवाल

(कलेक्टर बीजापुर)


बीजापुर ब्यूरो प्रमुख पुष्पा रोकड़े की रिपोर्ट

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