News Edition 24 : बीएसपी द्वारा संचालित सेक्टर-9 अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोशित होकर गुरुवार को अधिशासी निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के कार्यालय में विरोध प्रकट किया।
दरअसल अस्पताल प्रबंधन ने एक फरमान जारी कर वार्ड में मृत मरीज के शव को शवगृह में रखवाने की जिम्मेदारी स्टाफ नर्स के मत्थे सौंप दी। इस फरमान के जारी होने के बाद अस्पताल के सभी स्टाफ नर्स भड़क गए। इसके बाद नर्सिंग स्टाफ अस्पताल के अधिशासी निदेशक डा. एस के इस्सर के कक्ष के सामने एकत्र हो गए। और इस नए आदेश का पालन करने से साफ इंकार कर दिया।आखिरकार अस्पताल प्रबंधन ने सोमवार को इस पर चर्चा करने का आश्वासन दिया। तब जाकर मामला शांत हुआ।
देश के किसी भी अस्पताल में इस तरह का प्रोटोकाल नहीं है….
अस्पताल प्रबंधन द्वारा जारी फरमान का विरोध कर रहे स्टाफ नर्सों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा नियमों के विरुद्घ उनकी ड्यूटी शवघर में शव रखने के लिए लगाई जा रही है। नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि देश के किसी भी अस्पताल में इस तरह का प्रोटोकाल नहीं है। जिसमें नर्सिंग स्टाफ शवघर में जाकर शव को रखवाए।
ज्ञात हो कि विगत दिनों सेक्टर-9 अस्पताल में मृत सीटू के यूनियन नेता वेणुगोपाल का शव अस्पताल के शवघर में रखा गया था। परिवारजनों के आने पर दो दिन बाद शव निकाला गया,तो बॉडी में सड़न शुरू हो चुकी थी चेहरे पर फफूंद भी लग गया था। शव की हालत देख परिजन भड़क गए थे। वहीं कर्मचारी यूनियन ने बड़ा आंदोलन किया था। मौके पर बीएसपी के अधिशासी निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एस के दुबे को आना पड़ा था। मौके पर ही उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया था। इस घटना के बाद ही प्रबंधन को यह फरमान जारी करना पड़ा कि किसी भी शव को शवघर में रखने के पूर्व स्टाफ नर्स को स्वयं अपनी उपस्थिति में शव को रखवाना होगा।
नर्सिंग स्टाफ की व्यथा
अस्पताल प्रबंधन के फरमान से भड़की स्टाफ नर्सों का आक्रोशित होना जायज भी लगता है क्योंकि ड्यूटी के दौरान वैसे ही वार्ड में इतने मरीजों की देखभाल करना वार्ड की हर व्यवस्था को नियंत्रित करना इन सब कार्यों की जिम्मेदारी निभाना ही अपने आप मे बहुत है उस पर यह नई जिम्मेदारी भी उन पर थोपना नयाय संगत नहीं है।
• शवगृह में किसी भी समय जाना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में किसी भी नर्स के साथ यदि कोई अप्रिय घटना घटित होती है तब जिम्मेदारी किसकी होगी?
• डॉक्टर को कोविड के 18500/- दिए गए और हमें 5000 भी नहीं क्यों?
• शासकीय अस्पतालों में हर साल वेज-रिविजन हो जाता है लेकिन यहाँ 4 साल 7 महीने बीत गए लेकिन हमारा वेज-रिविजन अब तक नहीं हुआ क्यों?
• डॉक्टर का कोई रिश्तेदार भर्ती होने पर एक नर्स और एक अटेंडेंट की जबरदस्ती ड्यूटी लगाई जाती है वहीं बाकी स्टाफ को कोई सुविधा नहीं मिलती क्यों?
स्टाफ नर्सों के विरोध को देखते हुए बैठक
बीएसपी के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के अधिशासी निदेशक डा. एस के इस्सर, सेक्टर-9 अस्पताल के निदेशक डा. प्रमोद विनायके और डा. रविंद्र नाथ की उपस्थिति में एक बैठक हुई। जिसमें चर्चा कर सभी आंदोलनरत नर्सों को समझाइश दी गई। इसके बाद भी सभी ने ड्यूटी करने से मना कर दिया। प्रबंधन ने सोमवार को इस संबंध में सभी नर्स को चर्चा के लिए फिर से बुलाया है।