तेलंगाना में बंद हो सकती है 8वीं क्लास तक की पढ़ाई, जल्द CM लेंगे फैसला

हैदराबाद : कोरोना मामले फिर से बढ़ने के मद्देनजर राज्यभर के स्कूलों में डायरेक्ट टीचिंग जारी रखने को लेकर सरकार असमंजस में पड़ गई है। स्कूल, गुरुकुल व हॉस्टलों में कोरोना मामले दर्ज होने के कारण 8वीं कक्षा तक डायरेक्ट टीचिंग पर रोक लगने को लेकर विचार कर रही है। सीएम केसीआर खुद विधानसभा में कह चुके हैं कि इस बाबत अगले दो-तीन दिन में फैसला लिया जाएगा।

मौजूदा परिस्थितियों के मुताबिक 8वीं कक्षा तक डायरेक्ट टीचिंग पर रोक लगाने की संभावना अधिक है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने गत 1 फरवरी से 9वीं व 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए डायरेक्ट टीचिंग शुरू की थी. जबकि 6, 7 और 8वी कक्षाओं को 24 फरवरी से डायरेक्ट टीचिंग की अनुमति प्रदान की थी। साथ ही 1 से 5वीं कक्षा तक डायरेक्ट टीचिंग शुरू नहीं करने की बात स्पष्ट की थी। उसी के तहत सभी निजी स्कूल प्रबंधन 6,7,8,9 और 10वीं विद्यार्थियों को डायरेक्ट टीचिंग कर रहे हैं।

फोटो – सौजन्य सोशल मीडिया


उसी की आड़ में स्कूल प्रबंधन 85 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों के पास से फीस वसूल रहे हैं। दूसरी तरफ, डायरेक्ट टीचिंग के कारण राज्यभर के विभिन्न जिलों के स्कूलों, हास्टलों व गुरुकुलों में विद्यार्थियों और अध्यापकों के कोरोना संक्रमित हो जाने से सरकार सोच में पड़ गई है। पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमित हुए विद्यार्थियों व अध्यापकों की संख्या सैकड़ों में पहुंच चुकी है।

दूसरी तरफ, देशभर में कोरोना एक फिर से तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को विधानसभा में कई विधायकों के कोरोना का जिक्र करने पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया। साथ ही सीएम ने सरकार के मुख्य सचिव सोमेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की। सीएम ने विधानसभा में कहा कि राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और ऐसे में स्कूल खुले रखने चाहिए या नहीं, इसपर अगले दो-तीन दिन में निर्णय लिया जाएगा।

फोटो – सौ. सोशल मीडिया

वर्तमान में 1 से 5वीं कक्षा तक टीवी/ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है और उन्हें डायरेक्ट टीचिंग से दूर रखा गया है। केवल 6,7,8,9, और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए डायरेक्ट टीचिंग की जा रही है। परंतु अधिकारियों का मानना है कि 9वीं और 10वीं कक्षाओं के लिए डायरेक्ट टीचिंग बंद करने से विद्यार्थियों को बोर्ड की परीक्षाएं परेशानी बन जाएंगी।
यही नहीं, दसवीं की वार्षिक परीक्षाओं की तारीखें भी घोषित की जा चुकी है और विद्यार्थी परीक्षा फीस का भुगतान भी कर चुके हैं। ऐसे में 9 वीं और 10वीं की कक्षाओं के लिए डायरेक्ट टीचिंग जारी रखने की दलील सुनने में आ रही है। परंतु उनके लिए डायरेक्ट टीचिंग जारी रखनी चाहिए या ऑनलाइन से काम चलाना चाहिए, इस मुद्दे पर सीएम केसीआर निर्णय ले सकते हैं। सूत्रों की मानें तो उच्चाधिकारियों का कहना है कि 6,7 और 8वीं कक्षाओं के लिए डायरेक्ट टीचिंग की जरूरत नहीं है।

1 से 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को ऑनलाइन/डिजिटल टीचिंग जारी रखना चाहिए…सभी को बिना परीक्षा के प्रमोट करना चाहिए, इसपर फैसला करने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक संभव होने पर 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के दसवीं कक्षा में प्रमोट करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।

दूसरी तरफ, सरकार पिछले कुछ समय से इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के न्यूनतम मार्क्स के साथ पास करने पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है। बताया जा रहा है कि उच्चाधिकारियों ने ऐसा करने का विरोध किया है। इन सभी मुद्दों पर सीएम केसीआर के जल्द निर्णय लेने की संभावना है।

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