ठेकेदार की मनमानी के चलते आसमान छूने लगे रेत के भाव , बीजापुर की जनता परेशान…

नियमो को ताक में रखकर बरसात में भी मिनगाछल नदी से उत्खनन जारी , विभाग मौन…

सत्ताधारी नेता जयकुमार नायर किसी आदिवासी के नाम से रेत खदान का टेंडर लेकर कर रहे मनमानी…

बीजापुर ब्यूरो : जिले में रेत की कीमतों का बढ़ना आम जनता के लिए चिंता का कारण बन चुका है
मिनगाछल रेत खदान में ठेकेदार की मनमानी के चलते जिले में रेत के भाव आसमान छूने लगे , नए मकान बना रहे कुछ लोगो ने बताया कि अभी 709 गाड़ी के द्वारा 5000 रुपए प्रति ट्रिप रेत लाकर बीजापुर में दिया जा रहा है जबकि दो महीने पहले तक यह कीमत 2500 से 3000रुपये प्रति ट्रिप हुआ करती थी , फिर अचानक यूँ रेत की कीमत बढ़ना आम जनता के लिए चिंता का कारण बना हुआ है जब महंगी हुई रेत को लेकर वाहन मालिकों से चर्चा की तो वाहन मालिकों ने बताया कि हम क्या करे मिनगाछल रेत खदान में ही मनमानी करते हुए रेत के मूल्य को बढ़ा दिया है जिसके चलते हमको भी अपना भाड़ा बढ़ाना पड़ा।

वाहन मालिकों ने बताया कि मिनगाछल रेत खदान जो कि एक सत्ताधारी नेता द्वारा किसी आदिवासी के नाम से टेंडर लेकर संचालित किया जा रहा है और उक्त नेता द्वारा खनिज विभाग में सांठगांठ कर सरकार को राजस्व का चूना लगाते हुए लीज पर मिले नदी के हिस्से को छोड़कर कई किलोमीटर तक रेत का अवैध उत्खनन कर डंपिंग कर लिया गया साथ ही 15 जून के बाद मानसून को देखते हुए नदियों में रेत उत्खनन को रोक दिया जाता है लेकिन नेता जी की सत्ताई पेंठ के चलते आज भी नदियों से उत्खनन जारी है और विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।

वाहन मालिकों ने बताया कि रेत ठेकेदार का जब मन होता है तब रेत का मूल्य बढ़ा देता है और विरोध करने पर रेत देना बन्द कर देता है और स्वयं ही अपने वाहनों से रेत परिवहन करता है जिसके चलते गाड़िया खड़ी हो जाती है और वाहन मालिकों के सामने ड्राइवर – मजदूरों के भुगतान कि समस्या चालू हो जाती है।

मजबूरन वाहन मालिकों को मिनगाछल रेत खदान से बढ़े हुए मूल्य में रेत लाकर नगरवासियों को देनी पड़ती है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। ऐसे भी कोरोना काल मे आम व्यक्ति की कमर टूटी हुई है ऐसे में रेत ठेकदार की मनमानी के चलते इस को लेकर निर्माण ठेकेदार को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है और समय पर रेत ना मिलने पर कार्य की रफ्तार भी कम हो रही है।

ब्यूरो रिपोर्ट बीजापुर : नितिन रोकड़े

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