पार्टी आलाकमान की यह कार्यवाही पार्टी के राज्य नेताओं के साथ-साथ मुख्यमंत्रियों के लिए एक संदेश है जो खुद को मुखर कर रहे हैं। कांग्रेस, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी पंजाब जैसी स्थिति का सामना कर रही है, जहां सचिन पायलट और टी.एस. सिंह देव की क्रमश: मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है…
News Edition 24 Desk : पंजाब में आखिरकार मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू को आलाकमान पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की बागडोर सौंप दी है। ऐसा कर सोनिया गांधी ने एक तीर से कई निशाने लगा दिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सोनिया गाँधी का यह फैसला काँग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्रियों पर लगाम कसने की कवायद है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की माने तो अमरिंदर सिंह के साथ महीनों की वार्तालाप विफल रही, इसलिए आलाकमान ने आखिरकार अपना फैसला कर सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष के पद से नवाजा।
सूत्रों के मुताबिक यह कार्यवाही पार्टी के राज्य नेताओं के साथ-साथ मुख्यमंत्रियों के लिए एक संदेश है जो खुद को मुखर कर रहे हैं। कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी पंजाब जैसी स्थिति का सामना कर रही है, जहां सचिन पायलट और टी.एस. सिंह देव की क्रमश: मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है।
पायलट ने पिछले साल ही पार्टी में बगावत का झंडा फहराया था। दूसरी ओर, टी एस सिंहदेव इस मामले में अपनी बातों को बड़ी सरलता से फैसला सोनिया गाँधी और राहुल गांधी पर छोड़ रखे हैं, टी एस बाबा हाल ही में एक निजी दौरे पर दिल्ली में थे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली पहुंचे। अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान,भूपेश बघेल ने भी मुख्यमंत्री बदले जाने की बात पर कहा कि वह नेतृत्व के निर्णय का पालन करेंगे और सिंह देव के साथ उसी विमान में रायपुर लौट आए।
2019 की चुनावी हार,कर्नाटक में गठबंधन सरकार के पतन,मध्य प्रदेश में अपनी सरकार का गिरना यह सब देख देर सबेर ही सही काँग्रेस आलाकमान अब नींद से जागी है और अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।सिंधिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच विवाद के परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश सरकार गिरी। सिंधिया को लगा कि कमलनाथ उन्हें दरकिनार कर रहे हैं। पायलट की राजस्थान में भी यही शिकायत थी। फिलहाल छत्तीसगढ़ में विद्रोह या बगावत जैसी कोई स्थिति नहीं है।
अब पंजाब के फैसले के बाद, पायलट और सिंहदेव खेमे के पास आखिरकार यह मानने का एक कारण है कि आलाकमान उनकी शिकायतों को सुनेगा और उन पर कार्रवाई करेगा।